क्रांतिकारी की गौरवगाथा

मूलचंद मेधौनीय

*महान क्रांतिकारी शहीद वीर मनीराम अहिरवार की गौरवगाथा*
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अंग्रेजों से आज़ादी पाने,
गांधी जी ने दी हुंकार।
आजा़दी के रण में कूदे,
वीर मनीराम अहिरवार।1।
नगर चीचली नरसिंहपुर में,
लिया इन्होंने था अवतार ।
नगर ‌चीचली गोंड राज्य के
थे ये सच्चे सेवादार।2।
राजाजी का निधन हुआ अरु,
नाबालिग है राजकुमार।
राज छीनने अंग्रेजों ने,
किया चीचली नगर पसार।3।
घेर लिया जा राजमहल फिर,
खूब चली फिर रण की रार।
पत्थर मारे गोफन में भर,
गोरे भागे मानी हार।4।
जीत मनाने अगले दिन फिर ,
सभा हुई जब बीच बजार।
पकड़ लिया तब नगर वीर को,
मारा पीटा कारागार।5।
भेद महल का नहीं बताया,
थे वो ऐसे फरमाबरदार।
मार दफन भी किया वहीं पर,
ऐसी थी गोरी सरकार ।6।
ऐसे वीरों को कयों भूली,
मध्य प्रांत की हर सरकार।
रैदास वंश के इस पूत को,
हक़ देने की है दरकार । 7।

डॉ. श्रीमती रेखा रानी राठौर
एसोसिएट प्रोफेसर, इतिहास एस. बी.एस.शास.पी.जी.कालेज पिपरिया, नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश

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