conference चौथा तहसील सम्मेलन सम्पन्न

मध्यप्रदेश किसान सभा गाडरवारा का चौथा तहसील सम्मेलन सम्पन्न

“जगदीश पटेल अघ्यक्ष एवं करणसिंह अहिरवार महासचिव चुने गये”
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मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार भोपाल मोबाइल 8878054839
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गाडरवारा ।जिला नरसिंहपुर
सम्मेलन में राज्य महासचिव साथी बादल सरोज, राज्याध्यक्ष साथी रामनारायण कुररिया, एल एन वर्मा, सुम्मेरसिह ठाकुर,, लालसाहब वर्मा,करणसिंह अहिरवार, अनिशाबानो के अध्यक्षमण्डल में सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन की शुरुआत राज्य अध्यक्ष साथी रामनारायण कुररिया द्वारा उद्घाटन भाषण के साथ शुरू हुई जिसमें उन्होंने कृषि और किसानों के सामने मौजूद संकट पर सरकार की जनविरोधी नीतियों पर प्रकाश डाला गया।उसके बाद साथी करणसिंह अहिरवार द्वारा विगत सम्मेलन से लेकर अभी तक
क्या खोया क्या पाया महासचिव रिपोर्ट प्रस्तुत की।रिपोर्ट पर विभिन्न इकाइयों से आये प्रतिनिधियों में,नरेंद्र वर्मा,लीलाधर वर्मा, जगदीश मुहरिया, नन्हेलाल वर्मा,देवेंद्र वर्मा लवासर,कालूराम वर्मा, यदुराज वर्मा, गरीबदास चौधरी,तुलसीराम श्रीवास, बिश्राम वर्मा,लीलाधर बाथरे द्वारा बहस में हिस्सा लिया गया।बहस में आये सुझाव को भी शामिल किया जाएगा और बहस का जबाब दिया गया।
इसके बाद सभी साथियों ने सर्वसम्मति से हाथ उठाकर रिपोर्ट को पास किया गया।उसके बाद साथी देवेंद्र वर्मा द्वारा22सदस्यीय कार्यकारणी कमेटी का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
नई कमेटी में अध्यक्ष जगदीशपटेल, उपाध्यक्ष लीलाधर वर्मा, नन्हेलाल वर्मा, महासचिव करणसिंह अहिरवार, सचिव रामसिंग वर्मा, नरेंद्र वर्मा एवं कोषाध्यक्ष लालसाहब वर्मा को चुना गया।कार्यकारणी में विश्राम वर्मा, यदुराज वर्मा, रामनारायण पटेल, हरिगोविंद चौधरी, कालूराम वर्मा, तुलसीराम श्रीवास,गंगाराम बघेले, लतीफ खां, भेरोपरसाद विश्वकर्मा विश्वकर्मा,छोटेलाल उमरे, सुखलाल ठाकुर चुने गए।
सम्मेलन में बिभिन्न इकाइयों से50प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
अंत में मध्यप्रदेश किसान सभा के प्रदेश महासचिव एवं अखिल भारतीय किसान सभा के सँयुक्त सचिव साथी बादल सरोज ने सम्बोधित करते हुए विस्तार से अपनी बात रखते हुए किसान सभा के बारे में विस्तार से बताया गया कि किसान सभा स्वामी सहजानन्द सरस्वती द्वारा बनाई गई है यह कोई कम्युनिस्ट पार्टी नहीं है। औरआगे सँयुक्त किसान मोर्चे में देश के कोने कोने में लड़ाई लड़ी है वह सभी ने देखा।
नरसिंहपुर जिले के कोने कोने में किसान सभा की पहचान है पूरे जिले में जाया जाए जिले में संघर्ष किया जाय कार्यकर्ताओ को जाने की आवश्यकता है।एक आंदोलन में संतोष नहीं करना आगे बढ़ते रहना है ,ओर वह यहां सम्भव है।
सँयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन जो लगातार13महीने तक चला था उसमें मोदी सरकार ने लिखित रूप में जो समझौता किया था उससे पूरी तरह मुकर रही है।अभी बिजली सरकार जो बिजली बिल2022 लाई है पार्लियामेंट में पेश किया गया है जो लागू हो गया तो देश के80प्रतिशत किसानों के हाथ से बिजली चली जायेगी और शहर में रहने वाले गरीब लोग बिजली से बंचित हो जायेगे क्योकि बिजली निजीकरण में जाने से महंगी हो जाएगी जिससे उसका बिल चुकाने की हैसियत देश की विराट जनता में नहीं रहेगी।यह एक विश्वास घात है दूसरा अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही गई थी उल्टा उसके बेटे को बचाने की कोशिश की जा रही है।तीसरा यह कि इन्ही सब कारणों से किसान आंदोलन दुबारा शुरू हुआ है, लखीमपुर खीरी में अनिश्चित कालीन धरना शुरू हो चुका है और वहाआन्दोलनपूरे देश में फैलने बाला है, जो वादे किए गए थे उन्हें पूरा करो, एम एस पी का कानून लेकर आओ और बिजली बिल वापिस लो।
मध्य प्रदेश सरकार किसानो भी किसानों के उत्पादन को खरीदने में विफल रही है किसानों का लहसुन45पैसे किलो की दर से खरीदा जा रहा है, मूंग खरीदी से लेकर प्रत्येक फसलों की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है,
किसानों को10 घण्टे बिजली निर्धारित है मुश्किल से6घण्टे ही मिल पा रही है, एन टी पी सी द्वारा अधिग्रहण करते समय किसानों से जो वादे किए गए थे उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा साथ ही ntpc द्वारा उत्पादित बिजली आसपास के एरिया में दिया जाना चाहिए वह भी नहीं मिल रही, प्रभावित किसान परिवारों को नोकरी सहितअन्य मुद्दों से पीछे हट रही है।
जिले में मध्य प्रदेश का80प्रतिशत गन्ना उत्पादित होता है पर मिलों द्वारा किसानों को शोषण जारी है शिकायतों के बाबजूद शासन प्रशासन का संरक्षण जारी है जो कि अभी जिले के गन्ना विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों से रिकवरी का माप तक नहीं किया गया, देश भर में सबसे अधिक रिकवरी नरसिहपुर जिले में आती है इसलिये गन्ने का सबसे अधिक रेट नरसिहपुर जिले के किसानों को मिलना चाहिए था।
मध्यप्रदेश किसान सभा राष्ट्रीय पैमाने पर सँयुक्त किसान मोर्चे में सबसे आगे रहते हुए संघर्षरत है जो देश के हर प्रदेश कोने कोने में मोर्चे पर डटे हुए हैं एवं क्षेत्रीय सवालों पर भी समबेधानिक तरीके से संघर्ष कर रहे हैं, और आगे ओर तीव्र किया जाएगा।
अंत में नवनियुक्त गाडरवारा तहसील अध्यक्ष जगदीश पटेल द्वारा सभी का आभार प्रस्तुत करते हुए सम्मेलन का समापन किया।

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