प्रेरणादायक अध्ययन भ्रमण — एकीकृत हाई स्कूल शोभापुर कॉलोनी के विद्यार्थियों ने संस्था द्वारा संचालित गतिविधियों को जाना

 

आशीष उघड़े (सारनी)। एकीकृत हाई स्कूल शोभापुर कॉलोनी के कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लगभग 185 छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को ग्राम भारती महिला मंडल का अध्ययन भ्रमण किया। इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को महिला सशक्तिकरण, सामाजिक विकास तथा स्वावलंबन से जुड़े कार्यों की जानकारी प्रदान करना था। इस दौरान शाला शिक्षिका ललिता धुर्वे एवं प्रशंसा वर्मा भी विद्यार्थियों के साथ उपस्थित रहीं। विद्यार्थियों ने स्व-सहायता समूह की आचार निर्माण इकाई का निरीक्षण किया जहाँ उन्होंने उत्पादन एवं पैकिंग प्रक्रिया को समझा। इसके पश्चात सैनिटरी पैड निर्माण इकाई का अवलोकन किया और संस्था द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता के लिए किए जा रहे प्रयासों को जाना। आगे विद्यार्थियों ने कंप्यूटर लैब, डाटा एंट्री प्रोग्राम एवं परिवार परामर्श केंद्र का भ्रमण भी किया। परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर शबनम शेख ने विद्यार्थियों को पारिवारिक विवाद समाधान, सहायता सेवाओं तथा केंद्र की भूमिका के विषय में जानकारी दी। इसी दौरान उन्होंने बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में भी

महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने समझाया कि — गुड टच वह स्पर्श है जो प्यार, सुरक्षा और सम्मान की भावना देता है, जैसे माता-पिता या शिक्षक का स्नेहपूर्ण स्पर्श। बैड टच वह स्पर्श है जो बच्चे को असहज, डर या घबराहट महसूस कराए। यह शरीर के निजी अंगों को बिना अनुमति छूना या किसी भी प्रकार की गलत हरकत हो सकती है।
उन्होंने बच्चों को यह भी बताया कि—
शरीर के कुछ हिस्से प्राइवेट पार्ट्स कहलाते हैं जिन्हें कोई भी बिना अनुमति छू नहीं सकता।
यदि कोई गलत स्पर्श करे तो तुरंत रोकने, वहाँ से हटने और भरोसेमंद व्यक्ति को बताने के तीन महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए। ऐसे मामलों में हिचकिचाना नहीं चाहिए और तुरंत मदद माँगनी चाहिए। मीटिंग हॉल में आयोजित परिचर्चा में संस्था की कोषाध्यक्ष श्रीमती नंदा सोनी ने विद्यार्थियों को NGO की कार्यप्रणाली एवं समाज सेवा से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों से अवगत कराया।
विद्यार्थियों ने शक्ति सदन (स्वाधार गृह) में निवासरत बेसहारा महिलाओं और बच्चों की देखभाल व्यवस्था जानी, साथ ही बालिका गृह बैतूल में रह रही 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं की सुरक्षा, शिक्षा एवं संवर्धन से संबंधित सेवाओं को समझा।
अंत में विद्यार्थियों को POCSO अधिनियम के बारे में जानकारी देकर बच्चों की सुरक्षा के संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।

भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों में उत्साह और जिज्ञासा देखने को मिली। संस्था द्वारा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए यह विश्वास व्यक्त किया गया कि भविष्य में यही बच्चे समाज में सकारात्मक परिवर्तन के वाहक बनेंगे। यह भ्रमण विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक, ज्ञानवर्धक एवं व्यवहारिक सीख देने वाला अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ।