नवरात्रि का तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा की आराधना और स्वास्थ्य व मानसिक संतुलन के लिए जरूरी सुझाव

✍🏻 डॉ. नवीन वागद्रे

नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है। उन्हें साहस, शांति और मानसिक संतुलन की देवी माना जाता है। इस दिन का शुभ रंग रॉयल ब्लू है, जो न केवल मानसिक शांति और समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि हमारे थ्रोट चक्र से भी जुड़ा है। थ्रोट चक्र संचार क्षमता, भावनात्मक संतुलन और तनाव नियंत्रण का मुख्य केंद्र है। रॉयल ब्लू रंग मानसिक और शारीरिक

स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी होता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत करता है, तनाव हार्मोन को नियंत्रित करता है और नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है। नीला रंग मस्तिष्क को स्थिर करता है, रक्तचाप संतुलित रखता है और पाचन क्रिया को आराम देता है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियाँ जैसे चिंता, तनाव और गले की समस्या में यह रंग विशेष रूप से लाभकारी है। तीसरे दिन का उद्देश्य शरीर को डिटॉक्स करना और नर्वस सिस्टम को शांत रखना है। उपवास के दौरान साबूदाना, पैकेट वाले स्नैक्स और चिप्स जैसी चीज़ों से बचें। दिनभर में भरपूर पानी, नारियल पानी, नींबू पानी और ताजे फलों के जूस लें। फलों और ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट और किशमिश आसानी से पचते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं। तनाव कम

करने और नर्वस सिस्टम को आराम देने के लिए योग अत्यंत लाभकारी है। बालासन, शवासन, गर्दन-कंधे स्ट्रेचिंग और प्राणायाम थ्रोट चक्र को सक्रिय करता है और शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है। माँ चंद्रघंटा की पूजा से भय और मानसिक अस्थिरता कम होती है। रॉयल ब्लू कपड़े पहनें और ध्यान में थ्रोट चक्र पर नीली रोशनी की कल्पना करें। ‘ॐ चं’ मंत्र का जाप मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाता है। चिंता, तनाव, डिप्रेशन, अनिद्रा, गले की समस्या, माइग्रेन और थायरॉइड इम्बैलेंस जैसी स्थितियों में रॉयल ब्लू रंग, ध्यान और हल्की योग साधना लाभकारी होती है। नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की ऊर्जा और रॉयल ब्लू रंग की शक्ति से अपने नर्वस सिस्टम को संतुलित करें। उपवास का वास्तविक उद्देश्य अत्यधिक या भारी भोजन करना नहीं, बल्कि शरीर को आराम देने और डिटॉक्सिफिकेशन के

माध्यम से संतुलित रखना है। कई बार लोग पूरी तरह कुछ नहीं खाते, जिससे शरीर में पानी और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसलिए हल्के रूप में ताजे फल, बीज और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना लाभकारी होता है। नवरात्रि के तीसरे दिन का मुख्य लक्ष्य शरीर और मन को संतुलित रखना, शरीर को शुद्ध करना और मानसिक शांति प्राप्त करना है।