भागवत कथा में मनाया गया श्री कृष्ण जन्मोत्सव
घोड़ाडोंगरी। श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर वीडियो चौक में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन श्रद्धालुओं द्वारा भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। चौथे दिन की कथा सुनाते हुए पंडित श्री कृष्णश्रय शास्त्री ने कहा कि हम अपने उद्धार के लिए इस संसार में आए और माया में उलझ गए हैं। आज दृष्टि बदल दें तो सुखी हो जाएंगे । जितना मिला है उतना ही बहुत है । बहुतो को तो उतना भी नहीं मिला। जब जीवन में संतोष आ जाता है तो सब धन धूल के समान हो जाता है।देखे वीडियो
हम संसार में कमी देखते हैं भगवान शिव संसार का कल्याण करते हैं । भोले भंडारी है जैसी पूजा करो खुश हो जाते हैं ।अपने प्रभु की निंदा नहीं सुनना चाहिए ।अगर सामर्थवान नहीं है तो ऐसे सभा को छोड़कर चले जाना चाहिए जहां प्रभु की निंदा हो रही हो। प्रतिस्पर्धा आज हमारे समाज में इतनी बढ़ गई है कि लोग धार्मिक आयोजन में भी प्रतिस्पर्धा करने लगे हैं। प्रतिस्पर्धा करके किया गया आयोजन फल नहीं देता । होइ वही जो राम रचि राखा सुंदर भजन सुनाया
सती माता की कथा सुनाते हुए कहा कि जब भी गलत करते हैं तो परमेश्वर मन में घंटी बजाते हैं की संभल जाओ। बिगड़ते को लोग बिगाड़ने में लगे रहते हैं ।संपूर्ण रिश्ते में मां का रिश्ता ऐसा होता है जिसका स्थान कोई नहीं ले सकता । संतान का गलत नहीं सोच सकती। पुत्र कुपुत्र हो सकता है माता कुमाता नहीं होती। सती माता के शरीर से 52 शक्तिपीठ किस तरह निर्मित हुए उसकी जानकारी दी । जब हाथी ने तिल भर सूंड पानी में डूबने से बची तब प्रभु को पुकारा और नारायण ने आकर उसे बचाया। समुद्र मंथन में अमृत निकला तो देवता और असुर पीने के लिए लड़ने लगे । बाली से वामन रूप में भगवान ने तीन पग जमीन मांगी उसकी भी कथा सुनाई।