घोड़ाडोंगरी में 40 प्रतिशत जमीने 1 प्रतिशत लोगो के पास
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की 40% से अधिक संपत्ति केवल एक प्रतिशत अमीर लोगों के पास है। कुल मिलाकर ऊपरी तौर पर देखा जाए तो घोड़ाडोगरी शहर में भी शहर की लगभग 40 प्रतिशत जमीन 1 प्रतिशत लोगो के पास है।
हाल ही में विधानसभा में शासकीय भूमि को निजी भूमि करने का मामला गर्माया हुआ है । घोड़ाडोंगरी नगर में भी देखा जाए तो भू माफिया बरसों से सक्रिय है और उनका पूरा दबदबा घोड़ाडोंगरी नगर में जमीनों को लेकर दिखाई देता है । घोड़ाडोंगरी नगर में उंगलियों पर गिने जाने वाले कुछ नाम ऐसे हैं कि जिनकी शहर के हर कोने बीच में से लेकर जहां से गुजर जाओ वहां से जमीन है और इतनी अधिक संख्या में इने गिने-चुने तीन-चार लोगों के नाम पर ही जमीन क्यों है यह सवाल जनता में कई वर्षों से चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या इन लोगों ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर शहर की शासकीय भूमि मिलजुल कर अपने नाम करवा ली। इसका खुलासा होना चाहिए। शहर की भूमि का पुराना रिकॉर्ड की यह जांच होनी चाहिए कि इतनी सम्पति इन रसूखदार लोगो के नाम होने से पहले किसके नाम थी। निजी लोगों के हाथों में और उनके नाम पर पहुंच चुकी है क्योंकि शहर के हर चौक चौराहे के आसपास गांव के कुछ गिने चुने रसूखदार लोगों के नाम से जमीन है इनके पास इतनी संपत्ति कहां से आई यह लोगों में चर्चा का विषय है।
लोग कहते हैं कि घोड़ाडोंगरी में जमीन के नक्शे के साथ भी काफी छेड़खानी हुई है । मूल नक्शे को लेकर भी चर्चा है व्याप्त है लोग आपसी चर्चा में केहते हैं कि पहले तो पटवारी से मिलकर ही यह रसूखदार लोगों ने काफी शासकीय भूमि अपने नाम करा रखी है। नगर की जमीनों को लेकर भी देखा जाए तो ऐसा कहा जा सकता है कि आधा शहर कुछ गिनती के लोगो के नाम है। 40% से अधिक जमीने एक प्रतिशत लोगों के पास है वही आम आदमी अपने जमीन पाने के लिए भटक रहे हैं।