छिपकली के साथ जुड़े शकुन और अपशकुन लक्षण :
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छिपकली को कंहा- कंहा के लोग माता लक्ष्मी के प्रतीक मानते हैं। सामान्यतया दो प्रकार की छिपकलियां पाई जाती है– एक जंगली और एक घरेलू। छिपकली की जंगली नस्ल को गिरगिट कहा जाता है, जबकि घरों में पाई जाने वाली गेहूं तथा काले रंग की छिपकलीओं को घरेलू कही जाती है। भारतीय शकुन शास्त्र के अनुसार घरेलू छिपकली के शरीर पर गिरने को भी स्त्री- पुरुष भेद से शकुन/ अपशकुन माना जाता है। स्त्री के शरीर के बायें भाग पर तथा पुरुष के शरीर के दाहिनी तरफ छिपकली गिरना शुभप्रद होता है। इसी प्रकार ऊपर से नीचे नहीं, मगर
छिपकलीयां शरीर के नीचे से ऊपर की ओर चढ़ना ही शुभ माना जाता है। अशुभता स्थल में रविवार या मंगलवार को गेहूं रंग की छिपकली तथा शनिवार को काले रंग की छिपकली से कम हानि होती है। पारम्परिक विश्वास प्रचलित है कि– किसी विशेष विषय पर बातचीत चलते समय छिपकली के टिकटिक आवाज सुनाई दे तो, लोगों समझते है कि ठीक दिशा में चले रहे यह बात आगे जाकर सचाई से परिणत होने की एक ठोस संकेत है।।
छिपकली गिरने के सामान्य परिणाम :
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दिन में भोजन करते समय छिपकली की टिकटिक आवाज सुनाई दे तो जल्दी ही कोई शुभ समाचार प्राप्त होता है। दो छिपकली आपस में समागम करती हुई दिखाई दें तो किसी पुराने मित्र से मुलाकात होती है। यदि दो छिपकलियां आपस में लड़ती दिखाई दें तो किसी प्रियजन से अलग होने का दु:ख सहन करना पड़ सकता है। नए घर में प्रवेश करते समय यदि गृहस्वामी को छिपकली मरी हुई व मिट्टी लगी हुई दिखाई दे तो उसमें निवास करने वाले लोग आगे मरीज बन सकते हैं।।
अगर माथे पर छिपकली गिरती है तो, बड़ी संपत्ति प्राप्त होती है। बालों पर गिरे तो जीवन पर संकट होता है। दाहिने कान पर गिरने से स्वर्णाभूषणों की प्राप्ति होती है। बाएं कान पर गिरने से आयु बढ़ती है। दाहिनी आंख पर गिरने पर किसी अच्छे दोस्त से मिलने की यह संकेत है। बाईं आंख पर गिरने से जल्दी ही कोई बड़ा नुकसान होने का यह सूचित करता है। भौंहों पर गिरने से भी आर्थिक जैसी नुकसान होता है। नाक पर गिरना भाग्योदय का संकेत है। मुख पर गिरना शीघ्र ही मधुर भोजन- प्राप्ति करने की आभास दिलाता है। बाएं गाल पर गिरने पर पुराने मित्र से
मुलाकात होती है, जबकि दाहिने गाल पर गिरने से उम्र बढ़ती है। गर्दन पर छिपकली गिरने से सौभाग्य तथा यश मिलता है। दाढ़ी पर गिरने से निकट भविष्य में किसी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। मूंछ पर गिरने से सम्मान की प्राप्ति होती है।।
कंठ पर छिपकली गिरने पर शत्रुओं का नाश होता है। दाहिने कंधे पर गिरने से वाद- विवाद यानी युद्ध में विजय मिलती है, जबकि बाएं कंधे पर गिरने पर नए शत्रु बनते हैं। दाहिने हाथ पर गिरने पर धन लाभ तथा बाएं हाथ पर गिरने पर धनहानि होती है। दाहिनी हथेली पर गिरने से नए वस्त्रों की प्राप्ति होती है, जबकि बाईं हथेली पर गिरने पर धनहानि होती है। छाती के दाहिनी ओर छिपकली गिरने पर नई खुशियां मिलती, जबकि बाई छाती पर गिरने से घर में क्लेश होता है। पेट पर छिपकली गिरना नए आभूषण प्राप्त होने का संकेत है। कमर के बीच में गिरने पर
आर्थिक लाभ होता है। पीठ के दाईं तरफ गिरने पर सुख, जबकि बाईं तरफ गिरने पर व्यक्ति रोगी बनता है। पीठ के बीच में गिरने पर घर में बड़ा क्लेश होता है। नाभि पर गिरने पर मनकी सभी कामनाएं पूर्ण होने की संकेत हैं। दाईं जांघ पर गिरने से सुख तथा बाईं जांघ पर गिरने पर दु:ख प्राप्त होता है। दाएं घुटने पर गिरना– जल्दी ही किसी शुभ यात्रा का संकेत करता है, जबकि बाएं घुटने पर गिरना सौभाग्य की हानि- सूचक है। दाएं पैर अथवा दाईं एड़ी पर छिपकली गिरना यात्रा से लाभ मिलने की संकेत है।
बाएं पैर या बाईं एड़ी पर गिरने से बीमारी या घर में कलह या दु:ख प्रवेश की संकेत है। दाएं पैर के तलवे पर गिरने का मतलब ऐश्वर्य की प्राप्ति है। जबकि बाएं पैर के तलवे पर गिरने पर व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है। छिपकली माथे पर गिरना राज्य लाभ जैसे अत्यधिक शुभ संकेत देती है।।