बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट से प्रदेश की दो प्रमुख पार्टियों ने एक ही परिवार के व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व विधायक मोहकम सिंह जी के परिवार से ही भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं। जानकारों की माने तो मोहकम सिंह जी की बहू भाजपा से चुनाव मैदान में है और मोहकम सिंह जी का पोता कांग्रेस से चुनाव मैदान में है ।
यहां पर भाजपा और कांग्रेस में चाची और भतीजा चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। एक ही परिवार के व्यक्तियों को प्रत्याशी बनाने का असर चुनाव मैदान में भी देखा जा रहा है । प्रत्याशियों की लाख कोशिशें के बावजूद चुनाव मैदान में कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में जोश देखने में नहीं आ रहा । चुनावी सरगर्मियां शांत हैं। चुनावी चर्चाओं को लेकर मतदाता मौन है। शायद लोग भी यह समझने लगे हैं कि दो रिश्तेदारों की चुनावी लड़ाई में हम क्यों मोहरा बने।
जनता मौन है और घोड़ाडोंगरी विधानसभा में चुनावी माहौल जोर नहीं पकड़ पा रहा है। मोहकम सिंह जी के स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में प्रभावी भूमिका होने के साथ ही 1957 में घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के विधायक रहे हैं ।उसके बाद उनके परिवार से प्रताप सिंह उइके 1993 और 1998 में विधायक चुने गए थे। इसी परिवार के सज्जन सिंह जी उईके 2003 और 2013 में विधायक चुने गए थे।
अब 2023 में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख पार्टियों से एक ही परिवार के दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं ।क्षेत्र की जागरूक जनता भी चुनावी बातों को लेकर चुप्पी साधे बैठी है। क्षेत्र के नेताओं, कार्यकर्ताओं के अलावा चुनाव को लेकर नगरों ही नहीं ग्रामीण अंचलों में भी जनता मोन है। चुनावी संभावनाओं को टटोलने में लगे लोग मतदाताओं की इस चुप्पी से हैरान है।