जाने : आज क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि जी-20 शिखर सम्‍मेलन के दौरान घोषित भारत-मध्‍यपूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा आने वाले सैकड़ों वर्षो के लिए विश्‍व व्‍यापार का आधार बनेगा। प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह गौरव की बात है कि इतिहास सदैव यह याद रखेगा कि इस आर्थिक गलियारे की पहल भारतीय भूमि से हुई थी। उन्‍होंने इस गलियारे की तुलना सिल्‍क रूट से की, जो भारत के अत्‍यधिक समृद्ध काल में व्‍यवसाय और व्‍यापार का प्रमुख माध्‍यम था। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि हाल ही में जी-20 शिखर सम्‍मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को समूह का पूर्ण सदस्‍य बनने पर भारत ने अपनी नेतृत्‍व क्षमता सिद्ध की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चन्‍द्रयान-तीन का चन्‍द्रमा पर उतरना देश के लिए एक और महत्‍वपूर्ण उपलब्धि है। उन्‍होंने कहा कि देशभर के लोग उत्‍सुकता से प्रतीक्षा कर रहे थे कि कब चन्‍द्रयान का लैंडर चांद की धरती को स्‍पर्श करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक घटना को 80 लाख से अधिक लोगों ने इसरो के यू-ट्यूब लाइव चैनल पर देखा जो अपने आप में रिकॉर्ड है।

प्रधानमंत्री ने इस समय चलाई जा रही प्रश्‍नोत्‍तरी चन्‍द्रयान-तीन महा क्विज की भी बात की। माई-गोव पोर्टल पर इस प्रतियोगिता में अब तक पन्‍द्रह लाख से अधिक लोगों ने भागीदारी की है। यह इस पोर्टल के आरम्‍भ के बाद से अब तक किसी भी प्रतियोगिता में सबसे बड़ी भागीदारी है। प्रधानमंत्री ने अधिक-से-अधिक लोगों से इस प्रतियोगिता में भाग लेने का आग्रह किया, क्‍योंकि यह अभी छह दिन और चलेगी।

इस माह की 27 तारीख को मनाए जाने वाले विश्‍व पर्यटन दिवस का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन पर्यटन का बहुत बडा पहलू है। श्री मोदी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र कम-से-कम निवेश के साथ अधिक-से-अधिक लोगों को रोजगार देता है। उन्‍होंने कहा कि शिखर सम्‍मेलन के दौरान विदेशी प्रतिनिधियों को भारत की विविधता, विभिन्‍न परम्‍पराओं, खानपान और विरासत को देखने को अवसर मिला। उन प्रतिनिधियों को इस दौरान जो अनुभव हुआ, उससे पर्यटन और बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि भारत में विश्‍व विरासत स्‍थलों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। हाल ही में, शांति निकेतन और कर्नाटक के होएसला मंदिर समूह को विश्‍व विरासत स्‍थलों की सूची में शामिल किया गया है। उन्‍होंने कहा कि इसके साथ ही भारत में विश्‍व विरासत स्‍थलों की संख्‍या 42 तक पहुंच गई है। उन्‍होंने लोगों से आग्रह किया कि जब भी वे किसी नई जगह जाएं तो, भारत की विविधता को देखें, विभिन्‍न राज्‍यों की संस्‍कृति को समझें और विरासत स्‍थलों को देखें। 

श्री मोदी ने कहा कि दो अक्‍टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर देशभर में स्‍वच्‍छता संबंधी अनेक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। केन्‍द्र सरकार के प्रयासों से, पूरे उत्‍साह के साथ स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय स्‍वच्‍छता लीग में महत्‍वपूर्ण भागीदारी देखी जा रही है। उन्‍होंने कहा कि पहली अक्‍तूबर को बड़ा स्‍वच्‍छता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने श्रोताओं को त्‍योहारों के दौरान स्‍थानीय उत्‍पादों की खरीद – वोकल फार लोकल का मंत्र भी याद दिलाया। उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि लोगों को भारत में निर्मित वस्तुएं खरीदनी चाहिए, भारत में बने उत्‍पाद उपयोग करने चाहिए और केवल भारत में बनी चीजें ही उपहार में देनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने लोगों को नवरात्र और दशहरे की शुभकामना भी दी। 

वन्‍य जीव संरक्षण के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में शेर, बाघ, तेंदुओं और हाथियों की संख्‍या में उत्‍साहजनक वृद्धि हुई। धरती के अन्‍य जीव-जन्‍तुओं को बचाने के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्‍थान के पुष्‍कर में इसी तरह के प्रयास का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वहां सुखदेव भट्ट और उनकी टीम – कोबरा वन्‍य जीवों को बचाने में जुटे हैं। सुखदेव की टीम में अनेक लोग शामिल हैं, जो फोन पर सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचते हैं और अपने मिशन में जुट जाते हैं। इस टीम ने अब तक तीस हजार से अधिक विषैले सापों को बचाया है। ये लोग, बीमार जीव-जंतुओ की सेवा भी करते हैं।

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