गर्मी के मौसम में फूड प्वाईजनिंग संक्रमण से कैसे बचे, बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय -बरतें ये सावधानियां
फूड प्वाईजनिंग होने पर आमतौर पर पेट में दर्द, उल्टी और मितली जैसी समस्याओं के अलावा कई बार दस्त और पेचिश भी शुरू हो जाती है
गर्मी के मौसम में फूड प्वाईजनिंग की समस्या बहुत आम है। इस संबंध में प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तुलसा ठाकुर ने बताया कि गर्मी के मौसम में शरीर की पाचन क्षमता कमजोर हो जाती है। खाने-पीने की चीजें भी जल्दी खराब होती है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। फूड प्वाईजनिंग होने पर आमतौर पर पेट में दर्द, उल्टी और मितली जैसी समस्याओं के अलावा कई बार दस्त और पेचिश भी शुरू हो जाती है। ऐसे में प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तुलसा ठाकुर ने फूड प्वाईजनिग से बचाव, फूड प्वाईजनिग होने पर रखी जाने वाली सावधानियों के संबंध में एडवाईजरी जारी की है।
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फूड प्वाईजनिंग से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय
प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने डॉ. ठाकुर बताया कि फूड प्वाईजनिग से बचाव के लिए जरूरी है कि आप गर्मी के मौसम में खान-पान और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। सुपाच्य और ताजा बने भोजन का ही सेवन करें। बासी खाना खाने से बचें। बने हुए भोजन को अधिकतम 4-6 घंटे के अंदर इस्तेमाल में लायें, इससे ज्यादा समय तक खाने की चीजें रखने से वह खराब हो सकती है। गुथे हुए आटे को फ्रीज में रखकर अगले दिन इस्तेमाल में न लायें। दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी वाले आहारों को ताजा ही इस्तेमाल करें। बाजार में तले, भुने व फास्ट फूड का सेवन करने से परहेज करें। गोल-गप्पे, समोसे, कचौरी, पकोडे़, चाउमिन, बर्गर आदि खुले में मिलने वाले फूड के सेवन से बचें।
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फूड प्वाईजनिग होने पर बरतें ये सावधानियां
प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने डॉ. ठाकुर बताया कि एक साथ ज्यादा न खायें बल्कि थोड़ा-थोड़ा करके खायें। खाने में घी व तेल का इस्तेमाल कम से कम करें अथवा ठीक होने तक बिल्कुल न करें। मैंदे से बनी चीजों का सेवन कतई न करें। मसाले युक्त चीजों से दूरी बनाये रखें। कुछ दिनों तक मीठी चीजों का सेवन भी न करें।