देस मेरे देस” को २० साल बाद एक नए अंदाज मैं टिप्स म्यूजिक ने पेश किया
सुशिलाजीत साहनी मुंबई:- टिप्स म्यूजिक ने भारत की स्वतंत्रता के ७५ वर्ष पूरे होने के अवसर पर, देशभक्ति गीत “देस मेरे देस” को नये रूपमे पेश किया है। २००२ की साल में, अजय देवगन की फिल्म “द लेजेंड ऑफ़ भगत सिंह” में “देस मेरे देस” गीत था और आज फिर से २० साल बाद हम उसी गीत को नए रूप मैं देख पाएंगे। देशभक्ति गीत के इतिहास में पहली बार हम नए युग के संगीत की दृष्टि से देशभक्ति गीत को देखेंगे।
बंदिश और दीक्षा तूर द्वारा गाया गया, हुमा सैय्यद ने रैप के लिए अपने अद्भुत स्वर दिए हैं। संगीत सिड पॉल का है और गीत ऋषि पाठक ने लिखे हैं।
इस गीत को बंदिश और दीक्षा टूर ने अपनी मदुर आवाज़ दी है। रैप के बोल हुमा सय्यद ने आपने मजेदार अंदाज़ मैं दिया है। सिड पॉल ने संगीत और ऋषि पाठक ने गीत को लिखा है।
“देस मेरे देस” एक ऐसा गीत है जो भारत के लिए अपने अटूट प्रेम को दर्शाता है | इस गीत में भारत के प्रति पहचान, प्रेम और एकता के विषय में बताया गया है | यह एक भावुकतापूर्ण गीत है, लेकिन इस गीत में उन लोगों के अनगिनत बलिदानों के बारे में सभी को याद दिलाते हैं जिन्होंने इस देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जिसपे हर भारतीय को अपनी राष्ट्रीयता पर गर्व करवाया और सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान श्रोताओं के रोंगटे खड़े कर देते है।
*बंदिश कहते हैं*, ” यह पहली बार है के किसी देशभक्ति गीत को रैप बनाया गया है। हालांकि मूल गीत हमेशा विशेष होगा, पर ये गीत भी देशभक्ति की भावनाओं को जगाता है और देश के सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान को दर्शाता है |
*हुमा सैय्यद केहती हैं*, ” इस तरह के काफी देशभक्ति गीत बनाए गए हैं पर किसी ने भी इस गीत को रैप के अंदाज़ में बनाने की कल्पना भी नहीं की होगी। “देस मेरे देस” इस गीत में हमारी एक एक शैली जुड़ी हुई है और हम इस गीत को अपने दिल और आत्मा से जुड़े रखते है।
*सिड पॉल कहते हैं*,”हम दो साल बाद अपने स्वतंत्रता दिवस को शारीरिक रूप से वैसे ही मना रहे हैं जैसे हम इसे कोविड के पहले मनाते थे | हमारे राष्ट्र कई मुद्दों से जूझ रहे होंगे पर स्वतंत्रता दिवस के अवसरपर, स्वतंत्रता का जश्न मनाने के लिए सभी लोग एक साथ खड़े होते है |
*ऋषि पाठक कहते हैं*, “इस गीत में हमने रैप के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने की और संदेश देने की कोशिश की है। इस रैप के शब्दों से हम लोगों के दिलों की गहराई में दबी भावनाओं को प्रज्वलित कर सकते है। “देस मेरे देस” के इस गीत से हमारा उद्देश्य लोगों को एकता का संदेश देना था।”