Betul : न्यायालय में पीड़िता बोली नही हुई उसके साथ कोई घटना: फैसला आया 16 वर्षीया अवयस्क बालिका के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास

 

माननीय विषेष न्यायाधीष, अनन्य विषेष न्यायालय, (पॉक्सो एक्ट) 2012 बैतूल (म.प्र.), ने 16 वर्ष 10 माह की अवयस्क बालिका के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी मनीष पिता रमेश आठनेरे, उम्र 20 वर्ष, निवासी-थाना गंज, जिला-बैतूल (म.प्र.) को धारा 376(1) भादवि एवं धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत दण्डनीय अपराधों के लिए दोषसिद्ध पाकर धारा 376(1) भादवि के अंतर्गत 10 वर्ष का कठोर कारावास व 2,000रू. के जुर्माने से दंडित किया गया। प्रकरण में म.प्र. शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी/ विशेष लोक अभियोजक श्री एस.पी.वर्मा एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/विषेष लोक अभियोजक श्री ओमप्रकाष सूर्यवंशी एवं श्रीमती वंदना शिवहरे द्वारा पैरवी कार्य किया गया।

प्रकरण की जानकारी देते हुए अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी श्री अमित कुमार राय ने बताया कि पीड़िता के पिता ने दिनांक 23.05.2019 को पुलिस थाना गंज में इस आषय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी लड़की ने पढ़ाई छोड़ दी है तथा वह मोहल्ले के सिलाई सेंटर में काम करती है, जो आज सुबह 03ः00 बजे से 03ः30 बजे के बीच उठकर अचानक घर से बिना बताये कहीं चली गयी है, उसने आसपास उसकी बेटी की तलाष किया तो उसे बेटी नहीं मिली तथा यह पता चला की मोहल्ले का रहने वाला मनीष आठनेरे भी घर पर नहीं है तथा उसे शंका है कि आरोपी मनीष उसकी लड़की को बहला-फुसलाकर कहीं ले गया है।

पीड़िता के पिता की षिकायत पर पुलिस थाना गंज में अपराध दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब किया। विवेचना के दौरान पीडिता का मेडिकल परीक्षण कराया गया था, अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। पुलिस थाना गंज द्वारा आवष्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय अनन्य विषेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल म.प्र. के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण मे अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया जिसके आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दंडित किया गया।

*न्यायालय में पीड़िता रही पक्षविरोधीः-*

न्यायालय में विचारण के दौरान पीड़िता ने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया एवं उसके साथ कोई घटना होने से उसने इंकार किया, परंतु अभियोजन ने सजगतापूर्वक प्रकरण का संचालन करते हुए न्यायालय में पीड़िता की उम्र को प्रमाणित किया एवं अभियोजन ने प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट को भी प्रमाणित किया, जिससे यह साबित हुआ कि आरोपी मनीष ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया था। इसलिए माननीय न्यायालय ने प्रकरण में पीड़िता के द्वारा पक्ष समर्थन न किये जाने पर भी आरोपी को दण्डित किया है।

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