शहरों में कैंसर के मामले क्यों बढ़ रहे हैं — डॉ. नवीन वागद्रे
गांव की तुलना में शहरों में कैंसर के मामले ज्यादा क्यों होते हैं? इस सवाल का जवाब स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नवीन वागद्रे ने दिया है। कैंसर आज दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन चुका है, और भारत में भी इसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर शहरों में कैंसर के मामले गांवों की तुलना में काफी अधिक देखे जा रहे हैं।
डॉ. नवीन के अनुसार, गांवों में कैंसर के सही आंकड़े सामने नहीं आ पाते क्योंकि वहां जागरूकता और जांच की सुविधाएं सीमित हैं। कई मामलों में लोग बीमारी को पहचानने में असमर्थ रहते हैं या इलाज के लिए अस्पताल नहीं पहुंच पाते। वहीं, शहरों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के कारण कैंसर की जांच और रिपोर्टिंग अधिक होती है, जिससे वहां के आंकड़े ज्यादा दिखते हैं।
शहरों में रहने वालों की जीवनशैली में कई बदलाव कैंसर के खतरे को बढ़ा रहे हैं। प्रोसेस्ड और जंक फूड का बढ़ता सेवन, देर से सोना, अधिक तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी ये सभी कारक कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं। प्रोसेस्ड फूड में मौजूद प्रिज़र्वेटिव और रसायन शरीर में टॉक्सिन्स पैदा करते हैं, जो DNA को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसके विपरीत, गांवों में लोग ज्यादातर ताजा, घर में बने और प्राकृतिक आहार का सेवन करते हैं, जिससे उनके कैंसर होने का खतरा कम होता है।
शहरों में वायु प्रदूषण और औद्योगिक गैसों का स्तर भी काफी अधिक होता है, जो फेफड़ों और अन्य अंगों के कैंसर को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में शराब और तंबाकू का सेवन भी ज्यादा होता है, जो कई प्रकार के कैंसर के लिए जिम्मेदार माना जाता है। गांवों में ये आदतें कम होने के कारण वहां कैंसर के मामले अपेक्षाकृत कम देखे जाते हैं।
डॉ. नवीन वागद्रे का कहना है कि कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि हम अपनी जीवनशैली में सुधार करें। ताजा और पौष्टिक आहार लें, नियमित व्यायाम करें, तनाव को कम करें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं। प्रदूषण से बचाव के लिए भी प्रयास करना होगा और नशे से पूरी तरह बचना होगा। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कैंसर जैसे गंभीर रोगों से बचाव किया जा सकता है।
इस तरह, शहरों में बढ़ रहे कैंसर के मामलों के पीछे केवल बेहतर जांच और रिपोर्टिंग ही नहीं, बल्कि अस्वस्थ जीवनशैली, प्रदूषण और नशे की बढ़ती आदतें भी मुख्य कारण हैं। हमें चाहिए कि हम प्रकृति के करीब रहकर और स्वस्थ आदतों को अपनाकर इस खतरे से बचाव करें।