*shiv : विश्व के 7 ऐसे दिव्य धाम*

*जानिए विश्व के 7 ऐसे दिव्य धाम के बारे में जहां होती भगवान शिव की पूजा 

महादेव का प्रिय माह सावन का आज चौथा सोमवार है. पुराणों में वर्णित है कि भगवान महादेव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है, ये अपने भक्तों की पुकार शीघ्र ही सुन लेते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान प्रदान करते हैं. सावन के महीने में शिव भक्त शिवालय जाकर महादेव को प्रसन्न करते हैं. लेकिन कोरोना संकट की वजह से इस साल श्रद्धालु घर पर ही रह कर भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं. भोलेनाथ के भक्त सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में अपनी श्रद्धा के अनुसार इनकी पूजा करते हैं. आइए आपको भारत के शिव मंदिरों की नहीं बल्कि विदेश में स्थित शिव मंदिरों के बारे में बताते हैं. विदेशों में भगवान शिव के कुछ ऐसे धाम हैं जहां शिव पूजन का उत्साह चरम पर रहता है. आइए जानते हैं भारत से बाहर कहां है शिव के खूबसूरत मंदिर.

शिवा हिन्दू मंदिर- जुईदोस्त, एम्स्टर्डम
यह मंदिर लगभग 4,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. इस मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए जून 2011 को खोले गए थे. इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश, देवी दुर्गा, हनुमान जी की भी पूजा होती है. यहां पर भगवान शिव पंचमुखी शिवलिंग के रूप में मौजूद हैं.

अरुल्मिगु श्रीराजा कलिअम्मन मंदिर- जोहोर बरु, मलेशिया
कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1922 के आसपास किया गया था. यह मंदिर जोहोर बरु के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. जिस भूमि पर यह मंदिर बना हुआ है, वह भूमि जोहोर बरु के सुल्तान द्वारा भेंट के रूप में भारतीयों को प्रदान की गई थी. कुछ समय पहले तक यह मंदिर बहुत ही छोटा था लेकिन आज यह एक भव्य मंदिर बन चुका है. मंदिर के गर्भ गृह में लगभग 3 लाख मोतियों को दीवार पर चिपकाकर सजावट की गई है.

शिवा टैम्पल- ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड
यह एक छोटा लेकिन सुंदर शिव मंदिर है. यहां के गर्भ गृह में शिवलिंग के पीछे भगवान शिव की नटराज स्वरूप में और देवी पार्वती की शक्ति से रूप में मूर्तियां स्थित हैं. इस मंदिर में भगवान शिव से जुड़े हुए सभी त्योहार बहुत ही धूम-धाम से मनाए जाते हैं.

शिवा-विष्णु मंदिर- मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया
भगवान शिव और विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण लगभग सन 1987 के आसपास किया गया था. मंदिर का उद्घाटन कांचीपुरम और श्रीलंका से दस पुजारियों ने पूजा करके किया था. इस मंदिर की वास्तुकला हिन्दू और ऑस्ट्रेलियाई परंपराओं का अच्छा उदाहरण है. मंदिर परिसर के अंदर भगवान शिव और विष्णु के साथ-साथ अन्य हिंदू देवी-देवताओं की भी पूजा-अर्चना की जाती है.

शिवा मंदिर- ऑकलैंड, न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड के इस मंदिर की स्थापना का मुख्य कारण लोगों के बीच हिंदू धर्म के प्रति आस्था और विश्वास बढ़ाना था. इस मंदिर के निर्माण के बाद साल 2004 में यह मंदिर आम भक्तों के लिए खोला गया था. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र महाराज और यज्ञ बाबा के मार्गदर्शन में हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किया गया था. इस मंदिर में भगवान शिव नवदेश्वर शिवलिंग के रूप में मौजूद हैं.

पशुपतिनाथ मंदिर- काठमांडू, नेपाल
नेपाल में बागमती नदी के किनारे काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर स्थित है. यह मंदिर यूनेस्को की विश्व हेरिटेज श्रेणी में आता है. यहां पर भगवान शिव के दर्शन के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण लगभग 11वीं सदी में किया गया था. दीमक की वजह से मंदिर को बहुत नुकसान हुआ, जिस कारण लगभग 17वीं सदी में इसका पुनर्निर्माण किया गया. मंदिर में भगवान शिव की एक चार मुंह वाली मूर्ति है. इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति तक पहुंचने के चार दरवाजे बने हुए हैं. वह चारों दरवाजे चांदी के हैं. यह मंदिर हिंदू और नेपाली वास्तुकला का एक अच्छा मिश्रण है.

मुन्नेश्वरम मंदिर- मुन्नेश्वर, श्रीलंका
यह मंदिर श्रीलंका के एक गांव मुन्नेश्वर में स्थित है. दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली में निर्मित इस मंदिर में साल भर श्रीलंका और भारत से लाखों श्रद्धालु आते हैं. इस मंदिर के इतिहास को रामायण काल से जोड़ा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने इसी जगह पर भगवान शिव की आराधना की थी. इस मंदिर परिसर में पांच मंदिर हैं, जिनमें से सबसे बड़ा और सुंदर मंदिर भगवान शिव का ही है.

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