कृषकों, पशुपालकों, बुनकरों, नाविकों, मछुआरों और घायल व्यक्ति को दी जाने वाली राहत राशि में वृद्धि

मदिरा को हतोत्साहित करने, लिये महत्वपूर्ण निर्णय
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राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 परिशिष्ट-1 संशोधन को मंजूरी
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कृषकों, पशुपालकों, बुनकरों, नाविकों, मछुआरों और घायल व्यक्ति को दी जाने वाली राहत राशि में वृद्धि
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8,171 कि.मी. सडक़ों का कायाकल्प करने के लिए 4,160 करोड़ रूपये की अतिरिक्त स्वीकृति
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मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गत दिवस मंत्रि-परिषद की बैठक भोपाल में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में शराब को हतोत्साहित करने के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। प्रदेश में शराब के सभी अहाते और शॉप बार बंद किए जाएंगे। मदिरा दुकानों में बैठ कर मदिरा पीने की अनुमति नहीं होगी। शराब की दुकान के लिये शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के आसपास के 50 मीटर के दायरे को बढ़ाकर 100 मीटर किया जायेगा। साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने एवं सजा के प्रावधान कड़े किए जाएंगे।

राहत राशि में वृद्धि
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मंत्रि-परिषद ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 परिशिष्ट-1 में संशोधन करते हुए राहत राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। निर्णय अनुसार शरीर के किसी अंग अथवा आंख/आंखों की हानि के लिए 40त्न और 60त्न के बीच अपंगता होने पर 59 हजार 100 रुपए के स्थान पर 74 हजार रुपए प्रति व्यक्ति तथा 60त्न से अधिक अपंगता होने पर 2 लाख रुपए के स्थान पर 2 लाख 50 हजार रुपए दिया जायेगा। इसी तरह गंभीर रूप से घायल, जो एक सप्ताह से अधिक दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने पर 12 हजार 700 रुपए के स्थान पर 16 हजार रुपए प्रति व्यक्ति तथा एक सप्ताह से कम अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 4 हजार 300 रुपए के स्थान पर 5 हजार 400 रूपए प्रति व्यक्ति दिया जायेगा।

बाढ़ की स्थिति में भूमि और अन्य नुकसान के लिए सहायता
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कृषि योग्य भूमि वाले खेतों में रेत या पत्थर (3 इंच से अधिक) आ जाने पर पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि पर मलबा हटाने के लिये, फिश फार्म में डिसेल्टिंग या पुनर्स्थापन अथवा मरम्मत सफाई के लिये राहत 12 हजार 200 रूपए के स्थान पर 18 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर दिया जायेगा। इसी तरह भूस्खलन, हिमस्खलन, नदियों के रास्ता बदलने के कारण सीमांत या लघु कृषक के भूमि स्वामित्व की भूमि के नष्ट होने पर राहत 37 हजार 500 रुपए के स्थान पर 47 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जायेगा।

पशु-पक्षी (मुर्गा/मुर्गी) हानि के लिये आर्थिक सहायता
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दुधारू पशु गाय/भैंस/ऊँट आदि के लिए राहत राशि 30 हजार प्रति पशु के स्थान पर 37 हजार 500 रूपए एवं भेड बकरी/ सूअर के लिए राहत 3 हजार रूपये के स्थान पर 4 हजार रूपए दिया जायेगा। गैर-दुधारू पशु ऊँट/घोडा/बैल/भैंसा आदि के लिए राहत राशि 25 हजार रूपये प्रति पशु के स्थान पर 32 हजार रुपए प्रति पशु किया जायेगा एवं बछडा (गाय, भैंस)/ गधा /पोनी/ खच्चर हेतु राहत 16 हजार रूपए प्रति पशु के स्थान पर 20 हजार रूपए दिया जायेगा। अस्थायी पशु शिविर में रखे गये बड़े पशुओं के लिए 70 रूपये पशु प्रतिदिवस के स्थान पर 80 रूपए एवं छोटे पशुओं के 35 रूपए प्रति पशु प्रति दिवस के स्थान पर 45 रूपए दिया जायेगा। इसी तरह पक्षी (मुर्गी/ मुर्गा) हानि के लिये 60 रूपए (10 सप्ताह से अधिक आयु के) प्रति पक्षी के स्थान पर 100 रुपए प्रति पक्षी दिया जायेगा।

बाढ़ एवं तूफान से प्रभावित मछुआरों को दी जाने वाली सहायता
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नाव की आंशिक क्षति होने पर मरम्मत के लिए 4 हजार 100 रूपये के स्थान पर 6 हजार दिया जायेगा। जाल या अन्य उपकरणों की मरम्मत के लिये 2 हजार 100 रूपए के स्थान पर 3 हजार रूपए दिया जायेगा। नाव नष्ट होने पर रु. 12 हजार रूपए के स्थान पर 15 हजार रूपए दिया जायेगा। इसी तरह नैसर्गिक आपदा यथा सूखा, अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि से मछली पालने वालों को मछली बीज नष्ट होने पर प्रभावित को 8 हजार 200 रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा।

बुनकरों/हस्तशिल्पियों को दी जाने वाली सहायता
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नैसर्गिक आपदा से प्रभावित बुनकर / परम्परागत शिल्प के क्षेत्र में काम करने वाले हस्त शिल्पी को उनके उपकरण / औजार और उनके द्वारा तैयार माल अथवा कच्चे माल के क्षतिग्रस्त होने पर कच्चे माल या धागा और अन्य तत्संबंधी रंग, रसायन आदि क्रय करने पर प्रति बुनकर / शिल्पी हेतु राहत राशि अधिकतम 4 हजार 100 रूपए के स्थान पर 5 हजार रूपए प्रति शिल्पकार दिया जाएगा।

नष्ट हुए मकानों के लिये आर्थिक अनुदान सहायता
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मंत्रि-परिषद ने पूर्ण नष्ट (मरम्मत योग्य नहीं) और गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त (जहां क्षति 50 प्रतिशत से अधिक हो) पक्के / कच्चे मकान के लिए वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर राहत राशि अधिकतम 95 हजार 100 रुपए के स्थान पर मैदानी इलाकों में 1 लाख 20 हजार एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 1 लाख 30 हजार रुपए दी जायेगी। झुग्गी झोपड़ी (झुग्गी/झोपड़ी से तात्पर्य है कच्चे घर से निम्नतर फूस मिट्टी प्लास्टिक सीट आदि से निर्मित घर) पूर्ण नष्ट होने पर राहत राशि 6 हजार के स्थान पर 8 हजार रुपए दी जायेगी। इसी तरह आशिक क्षतिग्रस्त (जहां क्षति 15 प्रतिशत से 50 प्रतिशत हो) पक्के मकान के लिए राहत राशि 5 हजार 200 के स्थान पर 6 हजार 500 रुपए एवं कच्चे मकान के लिए 3 हजार 200 के स्थान पर 4 हजार रुपए दी जायेगी। साथ ही मकान से संलग्न पशु घर के लिये राहत राशि 2 हजार 100 के स्थान पर 3 हजार रुपए प्रति पशु घर दी जायेगी।

8,171 कि.मी. सडक़ों का कायाकल्प करने के लिए 4,160 करोड़ की अतिरिक्त स्वीकृति
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मंत्रि-परिषद ने प्रदेश की लगभग 8,171 कि.मी. सडक़ों का कायाकल्प करने के लिए लोक निर्माण विभाग को 4 हज़ार 160 करोड़ रुपए की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की है। प्रदेश को उच्च गुणवत्ता की सडक़ें प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध बैंक ऑफ सैक्शन (सूचकांक पर आधारित) की सीमा में एक मुश्त छूट प्रदान की गई है। साथ ही सडक़ों के सुदृढ़ीकरण के लिए 4 हजार 160 करोड़ रुपए की अतिरिक्त प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी करने के लिए लोक निर्माण विभाग को अधिकृत भी किया गया है।

म.प्र. नगर पालिक विधि (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी
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मंत्रि-परिषद ने नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की कतिपय धाराओं में संशोधन किये जाने के लिए म.प्र. नगर पालिक विधि (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दी है। यह विधेयक विभाग के अंतर्गत प्रशासित अधिनियमों के कतिपय प्रावधानों को डिक्रिमिनलाइज करने के संबंध में लाया जा रहा है।

मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों को प्रदाय किया जाना) संशोधन विधेयक 2023 को मंजूरी
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मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना) अधिनियम 1984 की धारा 3 एवं धारा 4 में संशोधन करने के लिए मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों को प्रदाय किया जाना) संशोधन विधेयक 2023 को मंजूरी दी है। जिससे शहरों में गरीबों की आवास की समस्या के निराकरण के उद्देश्य से मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों को प्रदाय किया जाना) अधिनियम 1984 के अंतर्गत गरीबों को आवासीय भूमि के पट्टे देने की पात्रता तिथि में वृद्धि की जाकर कट ऑफ तिथि 31 दिसंबर 2014 से 31 दिसंबर 2020 की जा रही है।

 

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