शोभापुर में मालगाड़ी से कुत्तियां का पैर कटा, समाजिक कार्यकर्ता आदिल करवा रहे इलाज

 

(आबादी वाले क्षेत्र में मालगाड़ी की गति धीमी करने, हॉर्न बजाने विभिन्न विभागों को लिखा पत्र)

सारनी। शुक्रवार 2 दिसंबर को सारनी के शोभापुर क्षेत्र में कोयला ढोने वाली मालगाड़ी से रेलवे ट्रैक पर एक कुत्तिया का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसकी एक टांग कट गई है। इस संबंध में स्थानीय लोगों के माध्यम से सारणी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता आदिल खान को जानकारी दी गई थी जिसके बाद आदिल ने नगरपालिका की गौशाला में घायल कुत्तिया को भिजवा दिया और फिर अपने निजी खर्चे से रविवार को अपने मित्र फरहान और निलेश के साथ पशु चिकित्सालय पहुंच कर घायल कुत्तिया का आपरेशन करवाया।

आदिल ने बताया कि अभी इलाज का खर्चा वे स्वयं ही उठा रहें हैं, इसमें किसी सरकारी विभाग से कोई सहायता नहीं मिली है। अब तक लगभग डेढ़ हजार से अधिक रुपए का खर्चा घायल कुत्तिया के ऑपरेशन में आया है। सारनी के पाथाखेड़ा पशु चिकित्सालय में उसके पैर की सर्जरी करी गई और खराब हो चुका हिस्सा शरीर से अलग किया गया है। जिसके बाद गंभीर अवस्था में पशु चिकित्सक कीर्ति ठाकुर की सलाह अनुसार निगरानी में रखा है और दवाईयां दी जा रही है। आदिल रोज़ इंजेक्शन लगवाने के बाद घायल कुत्तियां को वापस नगरपालिका की गौशाला में ही रख देते है।

परंतु आदिल ने चिंता जताते हुए बताया की गौशाला भी अस्थाई है और वहां ना तो उसके खाने की व्यवस्था है ना ही वहां कोई देखरेख करने वाला परमानेंट व्यक्ति मौजूद है, सिक्योरिटी गार्ड के भरोसे ही गौशाला चल रही है।

आदिल ने बताया कि कुछ स्थानीय युवाओं की सहायता से कुत्तिया को खाना देने के लिए पेडिग्री की व्यवस्था की है। उन्होंने आगे बताया कि उन के माध्यम से सोमवार को पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सारनी, स्टेशन प्रबंधक घोड़ाडोंगरी रेलवे स्टेशन, मुख्य अभियंता सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी, थाना प्रभारी थाना सारनी, वन परीक्षेत्र अधिकारी सारनी एवं उप वन मंडल अधिकारी सारनी को पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी दी गई है और बताया गया है कि घोड़ाडोंगरी से सारनी ट्रेन सिर्फ सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में कोयला पहुंचाने के लिए ही आती है, यह सिंगल रेलवे ट्रैक है। इसमें रेलवे ट्रैफिक नहीं होता है। इसलिए मालगाड़ी को धीमी गति से चलाया जाना चाहिए जिससे इस तरह के हादसे ना हो।

आदिल ने जानकारी देते हुए बताया कि बागडोना से सारनी तक रेलवे ट्रैक के आसपास घनी बस्ती और कुछ जंगल मौजूद है, नियमानुसार घनी आबादी वाले क्षेत्र में ट्रेन को धीमी गति से चलाया जाता है और बार-बार हॉरन भी बजाया जाता है।

वही आदिल का यह भी कहना है कि आज जानवर घायल हुआ है कल को अगर सावधानी नहीं बरती गई तो मनुष्य भी घायल हो सकते हैं, इसलिए सभी विभागों में पत्र लिखा है और मालगाड़ी को धीमी गति से बागडोना से सारनी तक चलाने का आग्रह किया है। इस संबंध में घोड़ाडोंगरी स्टेशन प्रबंधक मोहन मीना का कहना है कि आगे से उक्त क्षेत्र में लगातार हॉर्न बजाया जाएगा, मालगाड़ी से कोयला ले जाते और खाली मालगाड़ी वापस लाते समय रेलवे ट्रैक और घनी आबादी के हिसाब से उचित मिनिमम (कम से कम) स्पीड को मेंटेन किया जाएगा।

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