*golden opportunity : यह स्वर्णिम समय है, घर-घर लहराएगा तिरंगा, सही मायने में तो अब मिला हमें तिरंगा – प्रवीण अग्रवाल*

इस वर्ष मोदी सरकार के एक महत्वपूर्ण फैसले से देश का हर नागरिक गौरवान्वित है। बचपन से आज तक एक आम आदमी जो तिरंगे को लहराते हुए देखकर खुशी से झूम उठता था तालियां बजाता था। आज गरीब से लेकर अमीर तक सभी को तिरंगा अपने घर पर लहराने का अधिकार मिला है । ऐसा लगता है कि सही मायनों में तो हम भारतवासियों को अपना तिरंगा पर अधिकार मिला है कि हम अपने तिरंगे को अपने घर पर लहराने का अधिकार मिल गया है । यह बड़ा ही स्वर्णिम अवसर है, स्वर्णिम समय है । जीवन को आनंदित करने वाला समय है । अगर यू भी कहें की तिरंगे पर आम जनता का अधिकार हो गया है तो शायद गलत नहीं होगा। हमारे राष्ट्रध्वज का मोदी सरकार के इस निर्णय से लोगों के दिलों में सम्मान बढ़ेगा और अपनत्व बढ़ेगा इससे इनकार नहीं किया जा सकता। सरकार द्वारा घर-घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है इस अभियान को लेकर देखा जा रहा है कि आम जनमानस भी बहुत उत्साहित है। हर व्यक्ति अपने घर पर तिरंगा लहराना चाहता है। परिवार के अन्य सदस्य बच्चों से लेकर बड़े तक इस उत्सव को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि पूरे देश में एक साथ घर घर में तिरंगा फहराने के इस अभियान से एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनने वाला है जिससे हमारे देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन होगा । वाकई देखा जाए तो मोदी सरकार मैं नए-नए जनता के मन को लुभाने वाले फैसले लेने की हिम्मत है । आज सरकार के इस निर्णय पर विरोधी आरोप भी लगा रहे हैं कि चीनी झंडे आ रहे हैं या अन्य कई तरह के अनर्गल बातें कर इस अभियान में रुपयों की बर्बादी जैसी बातें कर रहे हैं । वही जो आम आदमी ₹25 का झंडा खरीदना चाहता है वह बड़ा ही उत्साहित है उसे तो ऐसा लग रहा है कि मेरे रुपयों का जीवन में पहली बार सदुपयोग हो रहा है । मैं जिस देश में रहता हूं उसके प्रति मेरे मन में जो श्रद्धा है विश्वास है भावना है उसे में शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता । लेकिन मेरे राष्ट्रप्रेम की भावना को मैं तिरंगा लहरा कर अभिमान कर सकता हूं। अपने आप पर कि मैं भी मेरे देश का वासी हूं और मुझे मेरे देश पर गर्व है ।हर व्यक्ति सेना में भर्ती नहीं हो सकता सरहद पर जाकर लड़ाई नहीं लड़ सकता लेकिन उसमें जो देश भक्ति है वह वह कैसे बताएं । आज मोदी सरकार ने आम जनता को अपने घर पर तिरंगा लहराने का अधिकार दिया है जिसको लेकर देश के हर नागरिक में गर्व है उसे खुशी है  लोग उत्साहित हैं अपने घर पर ध्वज लहराने के लिए ।और इस अभियान को लेकर जो भी हल्की-फुल्की कहीं अनर्गल बातें हो रही है उन सब बातों पर उस दिन विराम लग जाएगा जब पूरा देश एक साथ हर घर में तिरंगा लहराएगा।

भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में बनाए गए हैं नियम

भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में, तिरंगे से जुड़े नियम व कानून बताए गए हैं. इन कानूनों के बनने से पहले तिरंगा केवल सरकारी बिल्डिगों पर तुछ खास लोगों द्वारा ही फहराया जा सकता था. साथ ही इसे केवल सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक ही फहराया जाता था. लेकिन अब तिरंगे को रात में भी फहराया जा सकता है. साथ ही किसी भी दिन झंडे को फहराया जा सकता है. पहले इसे केवल राष्ट्रीय उत्सवों यानी 15 अगस्त और 26 जनवरी पर फहराने की मंजूरी थी.

झंडे पर कुछ भी लिखना है मना

तिरंगे झंडे पर कुछ भी लिखना, या बनाना गैरकानूनी है. साथ ही किसी भी गाड़ी या वाहन के पिछले हिस्से में तिरंगा नहीं रखा या बनाया जा सकता है. किसी भी बिल्डिंग या सामान को ढंकने के लिए तिरंगे का प्रयोग वर्जित है. तिरंगा फहराते वक्त यह यह ध्यान रखना चाहिए कि, तिरंगा किसी भी हाल में जमीन को ना छुए.

सजावट के लिए नहीं कर सकते हैं प्रयोग

तिरंगे को किसी भी तरह की सजावट के लिए इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है. इसके अलावा इसका प्रयोग किसी भी तरह की ड्रेस या यूनीफॉर्म के लिए नहीं होना चाहिए. तिरंगे को कभी भी किसी की पीठ की तरफ नहीं फहराया जा सकता है. किसी और झंडे को तिरंगे से ऊंचा फहराने पर भी मनाही है.

आधा झुका झंडा फहराने पर मनाही

जब तक सरकारी आदेश ना हो तब तक तिरंगे को किसी भी हाल में आधा झुका हुआ नही फहराया जा सकता है. इसके अलावा, किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए. झंडे को कभी भी पानी में नहीं डुबोया जा सकता. इसको कभी भी फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचा सकते. झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए.

झंडे का आकार का रखें खास ध्यान

झंडा फहराते वक्त इसके आकार का भी खास ध्यान रखना जरूरी है. हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि, जो भी झंडा हम फहरा रहे हैं, उसका आकार 3 अनुपात 2 का होनी चाहिए. इसके साथ ही केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडे का लगाया या फहराया नहीं जा सकता.

तिरंगे को फोल्ड करने को लेकर ये हैं नियम

झंडे को फहराने के साथ साथ उसे फोल्ड करने को लेकर भी कुछ नियम हैं. झंडे को फेलड करते वक्त उसे पट या क्षैतिज अवस्था में रखें. फिर पहले इस तरह से मोड़ें कि, केसरिया और हरे पट्टी के बीच सफेद पट्टी हो. उसके बाद दबसरे फोल्ड को इस तरह करें कि, दोनों पट्टियों के बीच में केवल अशोक चक्र दिखाई दे. इसके बाद झंडे को दोनों हथोलियों को पर रखते हुए सुरक्षित स्थान पर रखें.

नियम का पालन ना करने पर होगी सजा

भारतीय ध्वज से जुड़े इन नियमों का पालन ना करने पर सजा का भी प्रावधान है. राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 राष्ट्रीय ध्वज, संविधान, राष्ट्रगान और भारतीय मानचित्र सहित देश के सभी राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान को प्रतिबंधित करता है. यदि कोई व्यक्ति अधिनियम के तहत इससे जुड़े अपराधों में दोषी ठहराया जाता है, तो वह 6 वर्ष की अवधि के लिये संसद एवं राज्य विधानमंडल के चुनाव लड़ने हेतु अयोग्य हो जाता है.

लेखक एक आम आदमी,एक किसान,फोटोग्राफर है।

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