Fesla आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित

वन्य प्राणी भेड़की का षिकार करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गयाः-

माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बैतूल ने आरोपी कुवंरलाल पिता सुखराम धुर्वे उम्र-65 वर्ष, निवासी ग्राम ठानी थाना बैतूल, जिला बैतूल को धारा 9/51 वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम में दोषी पाते हुये 03 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10000/- रूपये जुर्माना, से दंडित किया गया। प्रकरण में म.प्र. षासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री अजीत सिंह द्वारा पैरवी की गई। प्रकरण में वन रक्षक (कोर्ट प्रभारी, बैतूल सामान्य) श्री नितिन शर्मा द्वारा विषेष सहयोग प्रदान कर रूचि लेकर साक्षियों की तामिली सुनिष्चित कर उन्हें न्यायालय के समक्ष उपस्थित कराया।

अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 09.11.2013 को वन परिक्षेत्र कार्यालय बैतूल को जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई थी की ग्राम ठानी में कुवंरलाल पिता सुखराम  द्वारा जंगल में वन्य प्राणी भेड़की का षिकार किया गया है और उसका मांस पकाया जा रहा है। उक्त सूचना पर वन विभाग द्वारा एक दल गठित कर ग्राम ठानी कुवंरलाल के निवास स्थान पर पंहुचे कुवंरलाल अपने आंगन में चूल्हें पर एक एल्युमिनियम की गंजी में मांस पकाते हुए मिला। मौके पर ही एल्यूमिनियम गंजी, अधपका मांस, एक प्लास्टिक की बोरी, खून लगे सागौन के पत्ते एवं मांस काटने में उपयोग की गई कुल्हाड़ी जप्त की गई थी। कुवंरलाल से पुछताछ की गई जिसमें उसने अपना जुर्म स्वीकार कर बताया था कि उसने वन्य प्राणी भेड़की का षिकार कुत्तों के द्वारा किया था और वन्य प्राणी भेड़की का मांस पका कर खाने के उद्देष्य से घर लाया था। आरोपी के विरूद्ध वन अपराध जारी कर प्रकरण विवेचना में लिया गया था विवेचना उपरांत आरोपी के विरूद्ध परिवाद पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया जिसके फलस्वरूप आरोपी को 03 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10000/- रूपये जुर्माने से दंडित किया गया।

 

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