इस स्कूल में रोज एक न एक छात्रा छुट्टी लेकर चली जाती थी घर


विश्व मांगल्य सभा दिया सशक्त सुरक्षा पैड बैंक का उपहार
बैतूल। स्कूल में हर दिन एक न एक छात्रा छुट्टी लेकर घर चली जाती थी, ऐसे में कभी-कभी डर भी लगता था, कि छात्राएं बीच में छुट्टी लेकर आखिर क्यों चली जाती है। ऐसे में डर भी लगता था कि कहीं झूठ बोलकर कहीं और तो नहीं जाती है..जब छात्राओं से चर्चा करना शुरु किया तो मासिक धर्म के कारण छुट्टी लेने का कारण सामने आया। ग्रामीण अंचलों में पैड की उपलब्धता सहज नहीं है और मासिक धर्म को लेकर अभी भी झिझक, डर और अंधविश्वास है। जब कुछ स्कूलों एवं पैड बैंक खोले जानकारी मिली तो मुझे लगा कि खेड़ला के हाईस्कूल में भी पैड बैंक होना चाहिए ताकि छात्राओं को सहूलियत हो सकें। यह बातें शासकीय एकीकृत हाईस्कूल खेड़ला की शिक्षिका शामिनी देव ने स्कूल में पैड बैंक की शुरुआत के दौरान कहीं। स्कूल की बेटियों के लिए यह उपहार विश्व मांगल्य सभा सेवा आयाम प्रकल्प शाखा बैतूल द्वारा दिया गया। बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा जिले के विभिन्न स्कूलों में सशक्त सुरक्षा बैंक स्थापित किए जा रहे है। समिति द्वारा खेड़ला के स्कूलों में बैंक की 11वीं स्कूली शाखा विश्व मांगल्य सभा के सौजन्य से प्रारंभ की गई। इस अवसर पर विश्व मांगल्य सभा बैतूल की अध्यक्ष प्रो. विजेता चौबे, उपाध्यक्ष श्रद्धा खण्डेलवाल, सचिव सोनाली वागद्रे, प्रांजल तल्हारकर तथा बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी बालापुरे पदम, सदस्य मेहर प्रभा परमार एवं लीना देसकर मौजूद थी। इस दौरान मप्र जन अभियान परिषद से सम्बद्ध नगर विकास प्रस्फुटन समिति के पदाधिकारी व सदस्य भी मौजूद थे।
पीरियड्स के दौरान सहनी पड़ती है कई बंदिशे
सशक्त सुरक्षा पैड बैंक में अब स्कूल में ही पैड वह भी सस्ती दरों पर मिलेंगे यह जानकर सभी छात्राएं खुश थी। छात्राओं ने भी चर्चा में बताया कि उन्हें अक्सर छुट्टी लेकर घर जाना पड़ता था। मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों पर इस दौरान दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने खुली चर्चा की। बालिकाओं को उन दिनों में खान-पान एवं हाईजिन का विशेष ध्यान रखने, भारी काम न करने परिवार की भी अन्य महिला सदस्यों का ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया गया। चर्चा में छात्राओं ने बताया कि उनके गांव में भी मासिक धर्म के दिनों में घरों के बीच बनी गलियों से ही आना- जाना पड़ता है। छात्राओं ने बताया कि उनके घर में अन्य महिला सदस्यों द्वारा अभी भी परम्परागत साधनों का ही उपयोग किया जाता है। ऐसे में बालिकाओं को गांव एवं परिवार की अन्य महिलाओं को भी पैड का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
छात्राओं के लिए उपयोगी उपहार
स्कूल की छात्राओं को पैड बैंक का उपहार देने पर शाला के प्राचार्य राजाराम डिगरसे, शिक्षक चेतन बिसंद्रे, कन्नूलाल उईके, नंदकिशोर मालवी, किशोर पाल ने इसे छात्राओं की परेशानियों को समझते हुए उपयोगी बताया। उक्त शिक्षकों सहित शिक्षिका सोनाली कठोतिया, कमला ठाकरे एवं शामिनी देव ने भी आभार माना। इस पैड बैंक से खेड़ला के साथ-साथ राठीपुर की छात्राओं को भी सुविधा मिलेगी। साथ ही छात्राएं पैड बैंक से अपने परिवार की अन्य सदस्यों के लिए भी पैड ले सकेंगी।

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