गेहूं की फसल में पौध संरक्षण के लिए एडवायजरी जारी

 

 

*कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा गेहूं के पौधों में हो रहे गेरूआ के संक्रमण के दृष्टिगत उक्त फसल के प्रबंधन की एडवाजयरी जारी की गई है। कृषि वैज्ञानिक द्वारा बताया गया कि इस रोग का प्रकोप अधिक नत्रजनयुक्त उर्वरक एवं अतिरिक्त सिंचाईं के कारण रोगग्राही प्रजातियों में होता है। पत्तियों पर उभरे हुए फफोलेनुमान धब्बे बनते हैं। इन धब्बों से जंगनुमा पाउडर निकलता है। आरंभिक अवस्था में पत्तियां पीली दिखती है, गंभीर संक्रमण होने पर पत्तियां सूखने लगती है। रोग का संक्रमण होने पर यदि यूरिया का प्रयोग हो तो रोग का फैलाव तेजी से होता है।*

*प्रबंधन*-

*प्रभावित फसल पर यूरिया का प्रयोग स्थगित करें एवं प्रोपिकोनेजोल फफूंदनाशी या जिनेब (जेड-78) 2 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिडक़ाव करें। ये फफूंदनाशक उपलब्ध न होने पर कार्बनडेजिम एवं मेंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिडक़ाव करें। अधिक जानकारी के लिए कृषि वैज्ञानिक या कृषि अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है।*

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