मुख्यमंत्री पहुंचे बाढ़ प्रभावितो के बीच

प्रिय बहनों और भाइयों, पिछले 48 घंटों में मध्यप्रदेश में भीषण वर्षा हुई है। मध्य एवं पूर्वी मध्यप्रदेश में वर्षा ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसके कारण बांध लबालब भरे हैं। कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं और कई जगह नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। विदिशा ज़िले में बेतवा नदी और बेतवा की सहायक नदियां उफान पर हैं, तथा कई गांव घिरे हुए हैं। गुना में पार्वती नदी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है और कुछ गांवों में जलभराव की स्थिति है।

अब नर्मदा जी में जलस्तर कई जगह कम हो रहा है, लेकिन नेमावर जैसे स्थानों पर बढ़ भी रहा है। मैं कल से लगातार में स्थिति पर नजर रखे हुए हूं। सिचुएशन रूम से रात को भी और आज सवेरे भी सारे जिलों से जुड़ कर हमने हर आवश्यक कदम उठाने का प्रयास किया है। मैं भोपाल की सड़कों में रात में भी घूमा था। इन सभी जिलों में असामान्य वर्षा हुई है प्रशासन लगातार सक्रिय है। पिछले 24 घंटे में हमने 405 व्यक्तियों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला है। लगभग 2300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अकेले विदिशा जिले में ही 18 राहत शिविरों में 1200 लोग रुके हुए हैं।

लगातार भोजन एवं आवश्यक सारी व्यवस्थाएं करने का प्रयास किया जा रहा है। विदिशा में कई गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चल रहे हैं। विदिशा और गुना ज़िले के 25 गांव बाढ़ में गिरे हुए हैं। हमने प्लान किया है कि विदिशा और गुना जिले के 10 गांवों में जो लोग घिरे हुए हैं, उनको 2 हेलीकॉप्टर्स के माध्यम से एअरलिफ्ट किया जाएगा। राजगढ़ ज़िले के 8 राहत शिविरों में 500 लोगों को ठहराया गया है। हम पार्वती, कालीसिंध तथा चंबल नदी के जल स्तर पर भी हम निरंतर नजर रख रहे हैं।

एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। एनडीआरएफ की 2 टीम नर्मदापुरम व विदिशा में, जबलपुर सीहोर व गुना में एक-एक, तथा एसडीआरफ की विदिशा में 4, राजगढ़ में 2, गुना में 3 टीम लगातार ऑपरेशन चला रही हैं। हमने एअरलिफ्टिंग के लिए एक हेलीकॉप्टर रवाना कर दिया है, दूसरा हेलीकॉप्टर आ रहा है तथा तीसरा भी हमने बुलवाया है। आगर मालवा, रतलाम, शाजापुर जिलों में भी हम लगातार नजरें रखे हुए हैं तथा नीचे स्थान पर जो लोग हैं उनको ऊपर बसाने का प्रयास कर रहे हैं।

मैं बाढ़ से प्रभावित सभी प्रदेशवासियों से कहना चाहता हूं कि संकट की घड़ी में, मैं और प्रदेश की सरकार आपके साथ खड़ी है। हम राहत और बचाव के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और उसके बाद जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने का भी भरपूर प्रयास करेंगे।आप धैर्य और संयम से काम लें। मैं बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में निकल रहा हूं।आपके साथ पूरा प्रशासन, सरकार और मैं खड़ा हूं। संकट की इस घड़ी से हम बाहर निकलेंगे।शिवराज सिंह

मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने आज विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे कर बासौदा तहसील के ग्राम स्यावदा में बाढ़ पीड़ितों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने अनेक बाढ़ प्रभावितों को अपने साथ बोट में बैठा कर सुरक्षित भी निकाला।

मुख्यमंत्री श्री चौहान संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय प्रांगण में हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद बाढ़ से सर्वाधिक ग्रस्त ग्राम स्यावदा के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री ने ग्राम स्यावदा के पहुँच मार्ग को बोट से पार किया। गौरतलब है कि पाराशरी नदी और बेतवा नदी के मुहाने पर स्थित ग्राम स्यावदा के लगभग 270 नागरिक अचानक नदी में बढ़े जल-स्तर के कारण चारो ओर से घिर गए थे। प्रशासन को इसकी सूचना प्राप्त होते ही अविलम्ब बाढ़ में फँसे नागरिकों को सुरक्षित स्थलों पर पहुँचाने के प्रबंध सुनिश्चित किए गए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्राम स्यावदा में बाढ़ पीड़ितों से संवाद कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वस्त भी किया कि अब उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी नुकसान हुआ है, सर्वे कर शीघ्र ही सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे नागरिकों, जिन्हें स्वास्थ्य उपचार की आवश्यकता है, का शासन स्तर पर नि:शुल्क स्वास्थ्य उपचार के प्रबंध किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान स्वयं नन्हीं बालिकाओं के साथ वयोवृद्धजन को बोट में बैठा कर सुरक्षित लेकर आए। मोटर बोट में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मिट्ठू रैकवार की छोटी बालिका तनु को गोद में बैठाया और रास्ते में बच्ची से संवाद कर नाम पूछा और खाना खाया कि नहीं आदि जानकारी ली। बच्ची के हाजिर जवाब को सुनकर मुख्यमंत्री श्री चौहान के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मोटर बोट में साथ बैठे ग्राम स्यावदा के बाढ़ पीड़ित बालाराम, शकुनबाई और शर्मिला केवट से भी संवाद किया। गौरतलब है कि तनु केवट और शर्मिला केवट दोनों बहनें हैं, जो मुख्यमंत्री के साथ संयुक्त रूप से गोद में बैठकर आई थी। जब बोट पाराशरी नदी के किनारे पहुँची तब मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से सबसे पहले तनु को एनडीआरएफ के दल को सौंपा। सड़क मार्ग पर पैदल चल कर उन्होंने सड़क किनारे मिले लोगों से संवाद किया, बाढ़ पीड़ितों की समस्याएँ सुनी और उनके निदान के आवश्यक निर्देश मौके पर मौजूद अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को नर्मदापुरम के संभायुक्त और भोपाल संभाग के प्रभारी कमिश्नर श्री मालसिंह भयड़िया ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों और राहत कार्यों की जानकारी दी। विदिशा कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने जिले में बाढ़ से प्रभावित गाँवों एवं अन्य क्षेत्रों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने सेना के हेलीकॉप्टर के बारे में भी जानकारी से प्राप्त की।

मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान गंजबासौदा विधायक श्रीमती लीना जैन, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती शशि यादव, पूर्व विधायक श्री हरिसिंह रघुवंशी, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री देवेन्द्र वर्मा, डॉ. राकेश जादौन, श्री देवेन्द्र यादव सहित जन-प्रतिनिधि मौजूद रहे।

 

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