मन की बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम का मंत्र

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमृत महोत्सव के अवसर पर देशवासियों से यह अमृत संकल्प लेने का आह्वान किया है कि देश हमारी सबसे बड़ी आस्था और सर्वोच्च प्राथमिकता बना रहेगा। उन्होंने कहा है कि हमें राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र के साथ ही आगे बढ़ना होगा।
आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में आज उन्होंने कहा कि जैसे बापू के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन चला था, वैसे ही आज हर देशवासी को भारत जोड़ो आंदोलन का नेतृत्व करना है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे काम करें जो विविधताओं से भारत को जोड़ने में मददगार हो।
आगामी 15 अगस्त के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष देश आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और यह हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल मनाने के लिए 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम में अमृत महोत्सव की शुरूआत हुई थी। श्री मोदी ने कहा कि इसी दिन बापू ने दांडी यात्रा को पुनर्जीवित किया गया था और तब से जम्मू -कश्मीर से पुद्दुचेरी तक और गुजरात से उत्तर पूर्व तक अमृत महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 15 अगस्त को राष्ट्र गान से जुड़ा एक आयोजन हो रहा है। संस्कृति मंत्रालय की कोशिश है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा भारतवासी मिलकर राष्ट्रगान गाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है-राष्ट्रगान डॉट इन। इस वेबसाइट की मदद से लोग राष्ट्रगान को रिकार्ड कर अभियान से जुड़ेंगे।
श्री मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव किसी सरकार या राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है और यह हर स्वतंत्र और कृतज्ञ भारतीय का अपने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आयोजन के पीछे की मूल भावना यह है कि हम सब अपने स्वतंत्रता सेनानियों के मार्ग पर चलें और उनके स्वप्न के राष्ट्र निर्माण में योगदान करें। श्री मोदी ने कहा कि हम सब स्थानीयता को समर्थन देकर, राजमर्रा के अपने काम करते हुए भी राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सात अगस्त को राष्ट्र हथकरघा दिवस एक ऐसा ही अवसर है और अपने उद्यमियों, कलाकारों, शिल्पकारों और बुनकरों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करना हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में बने हथकरघा उत्पादों को खरीदें और उसे हैशटैग माई हैंडलूम माई प्राइड पर साझा करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में मन की बात कार्यक्रम में खादी की चर्चा के बाद से खादी की बिक्री कई गुणा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि जब भी लोग खादी के उत्पाद खरीदते हैं, हमारे गरीब बुनकर भाई-बहनों को उसका लाभ मिलता है और इसलिए खादी को खरीदना जनता और देश की सेवा करना है।
श्री मोदी ने तोक्यो ओलंपिक की चर्चा करते हुए देशवासियों से कहा कि वे भारतीय दल को अपनी शुभकामनाएं दें और उनका उत्साहवर्धन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर ओलंपिक खिलाडि़यों के लिए विक्ट्री पंच अभियान शुरू हो गया है और लोगों को अपनी टीम चीयर फॉर इंडिया के साथ विक्ट्री पंच को साझा करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस है, जो हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और धैर्य का ऐसा प्रतीक है, जिसे पूरी दुनिया ने देखा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष यह आयोजन अमृत महोत्सव के दौरान हो रहा है और इसलिए यह और अधिक खास बन गया है। श्री मोदी ने लोगों से अपील की कि वे करगिल के बहादुरों की रोमांचक गाथाओं को पढ़ें और अपने वीरों को नमन करें।
प्रधानमंत्री ने मन की बात सुनने वालों को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि श्रोताओं के संबंध में माई गॉव पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि इस पर संदेश और सुझाव भेजने वालों में से लगभग 75 प्रतिशत लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं यानी भारत की युवा शक्ति के सुझाव मन की बात को दिशा दे रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि लोगों से मिले सुझाव ही मन की बात की असली ताकत है। उन्होंने कहा कि लोगों के सुझाव मन की बात के माध्यम से भारत की विविधता को प्रकट करते हैं, भारतवासियों की सेवा और त्याग की खुशबू को चारों दिशाओं में फैलाते हैं और हमारे मेहनतकश युवाओं के नवाचार से सबको प्रेरित करते हैं।
प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के सॉफ्टवेयर इंजीनियर साई प्रणीत की चर्चा की, जिन्होंने किसानों के कल्याण के लिए अपनी प्रतिभा का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब छोटे-छोटे निर्माणों में भी वर्षों लग जाते थे, लेकिन तकनीक ने स्थिति बदल दी है। श्री मोदी ने कहा कि कुछ समय पूर्व सरकार ने वैश्विक आवासन प्रौद्योगिकी चुनौती की शुरूआत की थी, ताकि दुनियाभर की तकनीकियां इसमें शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयास था, इसलिए इसे लाइट हाउस परियोजना का नाम दिया गया है। फिलहाल यह परियोजना देश में छह जगहों पर चल रही है, जहां आधुनिक तकनीक और नई विधि का उपयोग किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर के उखरूड़ जिले में सेब की खेती में हो रही बढ़ोतरी की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों ने अपने बागानों में सेब उपजाने के लिए हिमाचल जाकर प्रशिक्षण लिया है। श्री मोदी ने ऐरोनॉटिकल इंजीनियर टी एस रिंगफामी यंग की चर्चा की, जिन्होंने अपनी पत्नी टी एस एंजल के साथ मिलकर सेब की खेती की है। प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान बेर की खेती में आई तेजी की भी चर्चा की और कहा कि त्रिपुरा के ऊनाकोटि के 32 वर्षीय बिक्रमजीत चकमा ने बेर की खेती से काफी लाभ अर्जित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कोरोना के दौरान महिलाओं ने केले के बेकार तनों से फाइबर बनाने के प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया, जिसमें तने को काटकर मशीन की मदद से केला फाइबर तैयार किया जाता है, जो जूट या सन की तरह होता है। इससे महिलाएं प्रतिदिन चार से छह सौ रूपए तक अर्जित कर रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि केले के आटे से अब स्वादिष्ट डोसा और गुलाब जामुन तक तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ और उत्तर कन्नड़ जिलों की महिलाएं भी कोरोना काल में अनूठे कार्य कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सभी उदाहरण जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने नए प्रयासों को नमो एप अथवा माई गॉव साइट पर साझा करें। श्री मोदी ने कहा कि संजय राणा की चर्चा की जो कोरोना वैक्सीन लेने वालों को चंडीगढ़ के सेक्टर 19 में अपनी साइकिल पर मुफ्त में छोले भटूरे खिलाते हैं। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण और सेवा की यह भावना धन से ऊपर उठने के लिए पैदा होती है।
प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के नीलगिरी में राधिका शास्त्री के प्रयासों की चर्चा की, जिन्होंने पर्वतीय इलाकों में रोगियों के इलाज के लिए गाड़ी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एम्बूआरएक्स परियोजना शुरू की है।
भारत-जार्जिया संबंधों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ ही दिन पहले भारत ने सेंट क्वीन केटेवान के पवित्र अवशेषों को जार्जिया की सरकार को सौंपा हैं। उन्होंने कहा कि जॉर्जिया की जनता के लिए यह एक भावुक मुद्दा था और इससे गोवा के साथ-साथ भारत और जार्जिया के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं।
श्री मोदी ने कहा कि जल की एक-एक बूंद का संरक्षण जरूरी है और पानी की एक-एक बूंद को बचाना, पानी की किसी भी प्रकार की बर्बादी को रोकना हमारी जीवन शैली का सहज हिस्सा बन जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे परिवारों की ऐसी परंपरा बन जानी चाहिए, जिससे हर सदस्य को गर्व हो।
श्री मोदी ने आगामी त्योहारों के लिए देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने लोगों से यह अपील भी की कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन जारी रखें।